‘तू इस्राएली समाज को आदेश देना कि वे दीप-प्रज्वलन के लिए पेरकर निकाला गया जैतून का शुद्ध तेल लाएँ, जिससे एक दीप निरन्तर जलता रहे। हारून और उसके पुत्र मिलन-शिविर के अन्त:पट के बाहर, जो साक्षी-मंजूषा के सामने है, दीप को सन्ध्या से सबेरे तक प्रभु के सम्मुख सजा कर रखें। यह सदा के लिए संविधि होगी, जिसका पालन इस्राएली समाज पीढ़ी से पीढ़ी तक करता रहेगा।