इन पत्रों के द्वारा सम्राट ने सब नगरों में रहने वाले यहूदियों को यह अनुमति दी कि वे अपने प्राणों की रक्षा के लिए परस्पर एकत्र होकर सुरक्षा-दल बना सकते हैं। यदि कोई जाति अथवा प्रदेश की सशस्त्र-सेना उन पर आक्रमण करेगी तो वे बच्चों और स्त्रियों सहित उनको नष्ट कर सकते हैं, उनका वध और सर्वनाश कर सकते हैं, और उनकी धन-सम्पत्ति लूट सकते हैं।