तब मुखिया पुरोहितमन अगुवामन संग मिलके एक योजना बनाईन। ओमन सैनिकमन ला बहुंत अकन पईसा देके कहिन, “तुमन मनखेमन ला ये कहव, ‘जब हमन रथिया सुते रहेंन, त ओकर चेलामन आईन अऊ ओला चोराके ले गीन।’ यदि ये बात राजपाल के कान म पड़ही, त हमन ओला समझा देबो अऊ तुमन ला मुसीबत ले बचा लेबो।” सैनिकमन पईसा ला लीन अऊ वइसने करिन, जइसने ओमन ला सिखाय गे रिहिस। अऊ ये बात यहूदीमन के बीच म आज तक फईले हवय।