“जेख्णी तुवे उपवास करा, ता तुवाड़ै मुँह कवटिया सैयि उदास ना भूंणै चेहिंथै, केईनी कि सै उदास लेहिंथै, ताकि सै मैहणुवंनी लुहाई सकिया कि असै उपवास कातै अत्तै। आंउ तुहां सिंउ सच बोलता, कि सै अपड़ा ईनाम लैई बेठोरै अत्तै। पण जेख्णी तुवे उपवास कातै, ता अपड़ै शिरा पन तैल ला जां अपड़ु मुँह धौ ल्या। ताकि मैहणु ऐ ना समझिया कि तु उपवास काता आ, पण तिंडा पिता परमेश्वर जैस तु तका ना सकता सै तकाईया कि तीं उपवास क्यौरा आ। फिरी तिंडा पिता परमेश्वर जै तिंडै गुप्त क्यौरै सारै कम तकांता, ताउनि तेसैरा ईनाम दैला।”