“सुरज ज़ून और तारेऊ दी निशाण दिशा ई और धौतरी दी सारै लोगु माथै मुसीबत आशणी आ। कैलैकि सै समुन्दरा रै छ़ालै और शोरा कौरीऐ डौराई। धौतरी दी आशणै वाल़ी मुसीबत पौखदै-पौखदै लोगु रै मन घौबरा ई। कैलैकि गौईणी री सारी शक्ति हिलाईआ ई। तैबै लोग मुं, ज़ुण परमेश्वरा री तौरफा कु भेज़ौ औन्दौ ऊ पुरी शक्ति और बौड़ै शाना कौरीऐ बादल़ा माथै आशदै देखा ई।